जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में ‘कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
सोच बदलने की जागरूकता से संभव है कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण
लाडनूँ, 9 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में आयोजित व्याख्यानमाला के अन्तर्गत ‘कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूकता’ विषय पर डाॅ. विष्णु कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा कि मानव का मरना इतना दुःखदायी नहीं है, जितनी मानवता की मौत- ये शब्द बांग्ला लेखक शरतचन्द्र के हैं। कन्या भ्रूण हत्या से हर साल लाखों अजन्मी कन्याओं की हत्या मानवता के अंत को प्रकट करती हैं। इससे देश की संस्कृति, सभ्यता, नैतिकता और प्राकृतिक न्याय की भी हत्या हो रही है। यहां गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, सीता, अनुसूईया आदि महिलाओं को देश का गौरव समझा जाता रहा है और यहां यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता जैसी उक्तियों से महिला सम्मान की बात कही जाती है, वहां कन्या भ्रूण हत्या सबसे निन्दनीय विषय माना जाएगा, जिस पर सार्थक रोक आवश्यक है।
हर साल 15 लाख कन्या भ्रूण हत्याएं
उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों में प्रतिवर्ष 15 लाख के करीब कन्याओं की जन्म लेते ही अथवा भ्रूण अवस्था में ही हत्या कर दी जाती है। इसके लिए जरूरी है कि समाज की लैंगिक सोच में परिवर्तन किया जाए। अगर परिवार में पहला बच्चा लड़की होता है, तो माता-पिता दूसरी संतान को लड़की के रूप में पसंद नहीं करते। दूसरी संतान लड़के की आस में कन्या भ्रूण पर अन्याय होता है। यह सोच केवल गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों में ही नहीं बल्कि उच्च वर्ग के परिवारों एवं शिक्षित महिलाओं में भी अधिकतर देखने को मिल रही है। इस मानसिकता को रोकने और लोगों में सोच बदलने के लिए जागरूकता जरूरी है। गर्भस्थ बच्चे के लिंग परीक्षण पर सरकार ने कानून बनाकर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन जरूरत इस बात की है कि सरकार इसे प्रभावी तरीके से लागू करे।
बालिकाओं व महिलाओं की स्थिति में सुधार जरूरी
डाॅ. विष्णु कुमार ने बताया कि इन सबके साथ ही बालिकाओं एवं महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के प्रयासों पर भी सरकार को जोर देना चाहिए। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं धनलक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि की क्रियान्विति तेज की जाए और स्वयंसेवी संगठनों, संस्थाओं को समाज में जागृति लाने के लिए अभियान चलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव से ही कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने भी कन्या भ्रूण हत्या के लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी बताया। इस अवसर पर डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभा सिंह, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, डाॅ. ममता, ललित, प्रमोद ओला आदि उपस्थित रहे।
Latest from
- तीर्थंकर ऋषभदेव के यागदान को लेकर व्याख्यानका आयोजन
- स्वयंसेविकाओं को बताए आत्मरक्षा के उपाय
- इच्छाओं पर नियंत्रण से ही शांति संभव- प्रो. सुषमा सिंघवी,
- जैविभा विश्वविद्यालय में कवि सम्मेलन में कवियों ने हंसाया, गुदगुदाया, वीर रस से किया ओतप्रेात, खूब लूटी तालियों की गड़गड़ाहट
- दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने बताई शांति की पृष्ठभूमि और प्रतिस्थापना के उपाय
- कौशल कार्यशाला में एआई की महता, उपयोग और जागरूकता का दिया प्रशिक्षण
- फिट इंडिया मिशन के तहत साप्ताहिक कार्यक्रम में यौगिक क्रियाओं एवं प्रेक्षाध्यान का किया अभ्यास
- जैन विश्व भारती संस्थान में चल रहे सात दिवसीय शिविर का समापन
- छात्राओं के लिए क्विज प्रतियोगिता और भारतीय भाषाओं की जानकारी दी गई
- कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने लक्ष्य, लगन और परिश्रम को बताया सफलता का राज
- ‘भारतीय ज्ञान परम्परा में लौकिक और पारलौकिक दर्शन’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
- महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन
- स्वयंसेवकों ने माय भारत पोर्टल पर करवाया युवाओं का नामांकन
- स्वयंसेविकाओं ने ‘समाज में बढती अपराध प्रवृति’ पर निबंध लिख कर रखे अपने विचार
- टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता रैली का आयोजन
- शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक घटकों की महत्ता से शिक्षा को सशक्त किया जा सकता है- प्रो. जैन
- मासिक व्याख्यानमाला में वितीय बाजार पर व्याख्यान आयोजित
- भूमिका न हो तो किसी वस्तु का ज्ञान नहीं हो सकता-प्रो सिंघई
- जैविभा विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में नाटक प्रतियोगिता आयोजित
- ‘मन’ के द्वारा दर्शन हो जाता है, पर ‘मन’ का दर्शन कभी नहीं हो सकता- प्रो. धर्मचंद जैन
- सामान्य और विशेष निरपेक्ष नही हैं- प्रो. सुषमा सिंघवी
- सुप्रसिद्ध उद्योगपति केएल पटावरी को किया जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस’ नामित
- ‘विकसित भारत यंग लीडर्स’ डायलाॅग पर दो दिवसीय युवा कार्यक्रम सम्पन्न
- वाद-विवाद प्रतियोगिता में लाडनूँ की अभिलाषा स्वामी ने झंडे गाड़े
- अमेरिका के विश्वविद्यालय के साथ जैविभा विश्वविद्यालय का एमओयू हुआ
- आशुभाषण प्रतियोगिता में छात्राओं ने तत्काल दिए टाॅपिक पर प्रस्तुत किए विचार
- पुलिस अधिकारियों ने दी साइबर फ्रॉड से बचने व सड़क सुरक्षा के लिए सजग रहने की सलाह
- भारतीय ज्ञान परम्परा संस्कृति, संस्कार, मूल्य, नैतिकता एवं चरित्र को बचाने में सक्षम- प्रो. जैन
- साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किया डिजीटल एरेस्ट के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक
- संस्थान में खेलकूद प्रतियोगिताओं का शुभारंभ
- महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘भारतीय ज्ञान-परम्परा में ज्ञान और विज्ञान’ विषयक व्याख्यान आयोजित
- सामाजिक समरसता, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक लेखन व सामाजिक कार्यों के लिए किया गया सम्मान
- सड़क सुरक्षा रैली एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
- निष्पक्ष मतदान लोकतंत्र का आधार- प्रो. जैन
- मकर संक्रांति आपसी प्रेम, सद्भाव और आनंद का पर्व है- प्रो. जैन
- विद्यार्थियों को दी गई फिट इंडिया मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी
- फिट इंडिया सप्ताह के तहत योग एवं प्रेक्षाध्यान का करवाया अभ्यास
- चेतनापूर्ण जीवन शैली ही मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी- डॉ. भोजक
- ‘हम सभी के लिए मानव अधिकार’ थीम पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘भाषाओं के माध्यम से एकता’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय भारतीय भाषा उत्सव पर कार्यक्रम आयोजित
- फिट रहने के लिए विभिन्न सुझाव एवं विचारों पर मंथन
- स्थानीय खेल में विद्यार्थियों ने लिया उत्साह पूर्वक भाग
- राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विश्व अल्पसंख्यक दिवस समारोह में जैविभा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि हुए सम्मिलित
- निबंध लेखन तथा समुह- चर्चा कार्यक्रम का आयोजन
- राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने ली स्वच्छता रखने की शपथ
- संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग में मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में भारतीय भाषा उत्सव पर कार्यक्रम आयोजित
- दुःसाहसी पर्वतारोही-बाइकर नीतू चौपड़ा ने छात्राओं को सिखाए आत्मरक्षा के गुर