जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय में राजस्थान राज्य रेफरी एवं जजों की ऑनलाइन ट्रेनिंग कार्यशाला आयोजित

जीवन में बदलाव के लिए प्रेक्षाध्यान की उपसम्दाएं उपयोगी- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 25 सितम्बर 2021। नेशनल योग स्पोर्टस एसोसियेशन के तत्वावधान में आयोजित हो रही राजस्थान राज्य रेफरी एवं जजों की ट्रेनिंग कार्यशाला में शनिवार को मुख्य कार्यक्रम का संयोजन जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय के योग विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आनन्द बालयोगी जो पांडिचेरी ने की। जैन विश्वभारती संस्थान के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रेक्षाध्यान की उपसंपदाओं के रेफरी एवं जजों के व्यवहार एवं कार्यों पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव की चर्चा की। उन्होंने योग की उपादेयता समझाते हुए मनुष्य जीवन में मानवीय मूल्यों के प्रयोगों के लिए योग को श्रेष्ठ माध्यम बताया तथा कहा कि योग जीवन जीने की कला है, जो जीवन को सद्गति की ओर ले जाकर भविष्य का जीवन-निर्माण करता है। जीवन को हमें योगमय बनाना चाहिए। प्रो. त्रिपाठी ने महावीर के आत्म दीपोभव, हरिभद्र के योग को मोक्ष की आरे ले जाने वाला तथा आचार्य तुलसी के हम बदलेंगे, जग बदलेगा के नारे का प्रयोग करते हुए योगमार्ग को सबसे श्रेष्ठ जीवन-मार्ग बताया। उन्होंने कहा कि जैन आचार्यश्री महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान के माध्यम से पूरी जीवन शैली को नई दिशा प्रदान की थी। उन्होंने प्रक्षाध्यान की उपसम्पदा के माध्यम से भावक्रिया, प्रतिक्रिया विरति, मैत्री, मिताहार व मितभाषण के पांच मूलभूत सूत्र प्रदान किए। इनके द्वारा व्यक्ति सदैव वर्तमान में रहता है और अनेक राग-द्वेष भावों से बचा रहता है और वह अप्रमाद में रहता है। वैरभाव का त्याग करना और सारे प्राणी जगत् में मित्रता का व्यवहार करना इसका मुख्य आधार है, ऐसा जैन वांगमय में विभिन्न जगहों पर आया है। प्रो. त्रिपाठी ने मिताहार और मितभाषण को जीवन को विभिन्न दुविधाओं और रोगों से मुक्त होने का मार्ग बताया।

योगासन माप के लिए विश्वस्तर के मानक बनाए

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. आनन्द बालयोगी पुड्डुचेरी ने बताया कि सटीक एवं व्यावहारिक आंकलन के लिए योग के की-पॉइंट बनाये गये हैं, जिससे विश्व में योगासनों को मापने के मानक स्थापित हो सके। नेशनल योग स्पोर्टस एसोसियेशन के अध्यक्षता सी.पी. पुरोहित ने कार्यशाला की उपयोगिता बताते हुए प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में एसोसियेशन के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार शर्मा, नागौर जिला सचिव सुरेश कुमार दाधीच, सभी जिलों के जिलाध्यक्ष एवं सचिव व प्रशिक्षक कार्यक्रम में उपस्थित रहे। डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पश्चात् जज एवं रेफरियों के प्रशिक्षण हेतु लिखित परीक्षा का आयोजन 27 सितम्बर को किया जायेगा, जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को ही सर्टीफिकेट दिया जायेगा एवं आगामी प्रतियोगिताओं में उन्हें निर्णायक चुना जायेगा। कार्यक्रम में कुल ऑनलाइन 370 प्रतिभागी जुड़े रहे। अंत में डॉ. अशोक भास्कर ने आभार ज्ञापित किया। तकनीकी संचालन दशरथ सिंह ने किया।

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