शिक्षण के लिए प्रयोगविघि व समस्या समाधान विधि पर सात दिवसीय एक्सचेंज कार्यक्रम
प्रयोग के माध्यम से सीखना आनन्ददायी होता है- डा. चौहान
लाडनूँ, 28 जुलाई 2022। जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में एक सप्ताह के एक्सचेंज प्रोग्राम में चतुर्थ दिवस जयपुर के जामडोली स्थित केशव विद्धयापीठ में सी.टी.ई के श्री अग्रसेन स्नातकोत्तर शिक्षा महाविद्यालय की डॉ. श्रद्धासिंह चौहान ने विभिन्न विषयों से सम्बंधित प्रयोगशालाओं में होने वाले कार्यों एवं कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में बताया तथा उनका समाधान भी प्रस्तुत किया। उन्होंने भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, मनोविज्ञान, भूगोल, रसायन विज्ञान, गृह विज्ञान, भाषा प्रयोगशाला आदि के उपयोग तथा उपकरणों, यंत्रों, पदार्थ आदि के प्रयोग के अनुभव व कठियाइयां शेयर करते हुए प्रयोगशाला के प्रत्यक्ष ज्ञान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रयोग के माध्यम से करके तथा निरीक्षण द्वारा भी सीखना होता है। यह विधि वैज्ञानिक प्रवृति का विकास, सहयोगात्मक सहभागिता का विकास, नवाचारों का विकास, खोजी प्रवृति का विकास, समस्या का समाधान करना, सक्रिय व सजगता पैदा करना, प्रत्यक्ष मानसिक क्रिया आदि में काफी उपयोगी है। विचार-विमर्श, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तर विधि आदि सहायक के रूप में प्रयोग की जाती है। विषयवस्तु पढने की अपेक्षा प्रयोग पर बल, संकल्पनाएं को प्रयोग के माध्यम से स्पष्ट करना, खुद करके करने से आनन्द की प्राप्ति होती है। नए ज्ञान की प्राप्ति हेतु पूर्व ज्ञान से नवीन ज्ञान प्राप्त करता है। इस विधि से सीखा हुआ ज्ञान दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाला ज्ञान होता है। उपकरणों का जितना प्रयोग होगा ज्ञान उतना स्थायी होगा। जड़ता के नियम आदि को इस विधि से समझाया जा सकता है। प्रयोगशाला विधि के चरण-समस्या को समझना, समस्या का विश्लेषण करना, उपकरणों की सूची बनाना, प्रमाणों का संकलन करना, परिणामों की व्याख्या करना, निष्कर्ष निकलना आदि। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल.जैन ने प्रारम्भ में बताया कि नवीन सिद्धांतों एवं नये नियमों का प्रतिपादन प्रयोगशाला विधि के माध्यम से किया जा सकता है।
सामाजिक समस्याओं का हल समस्या समाधान विधि से संभव
इस एक्सचेंज प्रोग्राम में श्री अग्रसेन स्नातकोत्तर शिक्षा महाविद्यालय के डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि समस्या समाधान विधि में विद्यार्थियों के मन में समस्या की जानकारी विकसित की जाती है एवं गंभीरतापूर्वक सोचकर एक युक्ति संगत हल निकालते हैं। इस विधि में विद्यार्थियों समस्या का स्वतः हल सीखते हैं, निरीक्षण व तर्क शक्ति का विकास करते है, सामान्यीकरण करने में समर्थ होते है, लर्निंग बाई डूइंग से कार्य करते है, चिंतन कराने की सही प्रक्रिया का ज्ञान कराया जाता है, जनतांत्रिक महौल से समस्या का समाधान ढूढ़ते है, शिक्षार्थियों के अध्ययन में रुचि पैदा करती है, शिक्षार्थी स्वयं क्रियाशील रहते हैं, अवबोध व ज्ञानोपयोग उद्देश्य प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत रहते है, खुले मस्तिष्क से समस्या का हल खोजते हैं। परिस्थिति का निर्माण, समस्या को परिभाषित करना, तथ्यों का संकलन, परिकल्पना का निर्माण, परिकल्पना की जांच, निष्कर्ष एवं सामान्यीकरण इन सोपान के माध्यम से किसी भी समस्या का हल खोज सकते है। प्रारम्भ में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने बताया कि विद्यालय, परिवार और समाज की समस्याओं के समाधान में इस विधि का अनुप्रयोग करने से समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की छात्राएं एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
Latest from
- जैविभा विश्वविद्यालय में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित
- राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय जैन स्काॅलर कार्यशाला आयोजित
- 15वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुजरात के सूरत में आयोजित
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने सजाई आकर्षक रंगोलियां
- तीन दिवसीय ‘यह दिवाली, माय भारत वाली’ कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय एकता व दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया
- पुरखों व संस्कारों के प्रति आस्था होने पर ही व्यक्ति की सम्पूर्णता- ओंकार सिंह लखावत
- दीपावली पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी प्रतियोगिताओं में 28 छात्राओं ने हाथों पर सजाई नई-नई डिजाइनें
- एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय में सफाई अभियान चलाया
- जैन विश्व भारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्य डॉ.लिपि जैन को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
- संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम एकदिवसीय शिविर का आयोजन
- अनुपयोगी सामग्री के उपयोग से सजावटी व उपयोगी वस्तुओं का निर्माण
- आईपीएसएस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण मुद्दा छाया रहा
- केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री ने जैविभा संस्थान की प्राच्य विद्याओं व मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की
- छात्राध्यापिकओं ने गरबा महोत्सव आयोजित
- विश्व दृष्टि दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- अहिंसा एवं शांति विभाग के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण
- शिक्षा विभाग में नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं के स्वागत के लिए ‘सृजन 2024’ का आयोजन
- आगमों एवं प्राचीन अभिलेखों में मौजूद हैं भारतीय संस्कृति के समस्त मूल तत्व- डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा
- ‘उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक अनुकूलता’ विषय पर व्याख्यान
- विश्व शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- रक्तदाता स्वयंसेविकाओं व छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने लगाए पंछियों के लिए परिंडे, चुग्गा-पात्र व घोंसले
- लाडनूँ से 52 छात्राध्यापिकाओं के दल ने गुजरात व माउंट आबू का किया पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण
- प्राकृत भाषा और साहित्य के विकास में जैनाचार्यों और मनीषियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा- डाॅ. रविन्द्र कुमार खाण्डवाला
- राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर किया गया आयोजन
- महात्मा गांधी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन
- नैतिकता की उड़ान के लिए प्रेक्षाध्यान-जीवन विज्ञान की आवश्यकता- प्रो. त्रिपाठी
- योग एवं जीवन विज्ञान विभाग में नव आगंतुक विद्यार्थियों का स्वागत समारोह आयोजित
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने किया श्रमदान
- जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने लाडनूं में मुनिश्री जयकुमार के दर्शन किए और आध्यात्मिक चर्चा की
- ‘क्रोध नियंत्रण एवं संयमित आचरण’ के लिए विद्यार्थियों को किया प्रेरित'
- खानपुर में भियाणी में निकाली गई स्वच्छता जागरूकता रैली
- लाडनूँ की छात्राओं ने लिया भारतीय युवा संसद में हिस्सा,
- ‘स्वच्छता ही सेवा’ के तहत छात्राध्यापिकाओं द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स
- मेधावी छात्रा मीनाक्षी भंसाली को परीक्षा परिणाम के आधार पर राजस्थान सरकार से मिला टैबलेट
- शांति मानव कल्याण का आधार - श्री विक्की नागपाल
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं को दिलवाई स्वच्छता की शपथ
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं ने बनाई अनुपयोगी सामान से उपयोगी सामग्री
- स्वच्छता जागरूकता संबंधी रैली निकल गई
- जैन विश्व भारती संस्थान में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन
- महिला स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन के जीवन व कार्यों को याद किया
- मान, सम्मान और गौरव की भाषा है हिन्दी- प्रो. जैन
- व्यक्तित्व विकास के लिए आत्मविश्वास व अनुशासन अधिक जरूरी- नाहटा
- क्षमा के आदान-प्रदान से बन सकता है कार्य-व्यवहार और जीवन शुद्ध- कुलपति प्रो. दूगड़