जैविभा विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रो. लोढा को मिला लाईफटाईम अचीवमेट अवार्ड
लाडनूँ, 29 नवम्बर 2024।माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एमएसआई) ने पूर्व कुलपति एवं फंगस वैज्ञानिक प्रो. भोपालचंद लोढा को माइकोलॉजी के क्षेत्र में उनके योगदान के सम्मान में ‘लाईफटाईम अचीवमेंट अवार्ड’ से नवाजा है। प्रो. लोढा लाडनूं के जैन विश्वभारती विश्वविद्याल के 1997 से 2001 तक कुलपति रह चुके हैं। यह सम्मान उन्हें जोधपुर में माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया एवं जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘फंगल फ्रंटियर्स’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दोरान प्रदान किया गया। संगोष्ठी में इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नालोजी (आईआईटी) जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल और जोधपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएल श्रीवास्तव द्वारा अभिनंदन किया गया। माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एमएसआई) के सचिव द्वारा प्रो. बीसी लोढा को प्रदत्त प्रशस्ति पत्र का पठन किया गया। प्रो. लोढा को इससे पूूर्व ‘आचार्य तुलसी अनेकांत अवार्ड’ एवं ‘लीडिंग साइंटिस्ट आॅफ वल्र्ड 2011’ सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं। प्रो. लोढा को मिले अवार्ड व सम्मान के लिए जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उन्हें बधाई देते हुए उनके फंगस पर किए गए शोध और उपलब्धियों के लिए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
इस अवसर पर एमएसआई सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. आरएन खारवाल ने फंगस पर विभिन्न संस्थानों में चल रहे शोधकार्य पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने कहा कि जैव अभियांत्रिकी तकनीक से बायोमोलीक्यूल्स प्राप्त करने वाला देश की आने वाले समय में खाद्य पदार्थ, चिकित्सा उद्योग एवं पर्यावरण संरक्षण में विश्व के अन्य देशों से अग्रणी होगा। संगोष्ठी में देश भर के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
प्रो. बीसी लोढा का फंगस क्षेत्र में योगदान
उन्होंने कवक के वर्गीकरण पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है, 12 नए वंश और 31 नई प्रजातियां प्रकाशित की हैं। एस्कोमाइसीट्स में एक समूह के लिए जेनेरिक अवधारणाएं प्रस्तावित की हैं और एस्कोमाइसीट्स के 10 वंश और 29 प्रजातियों का संशोधन किया है। पादप रोग विज्ञान के क्षेत्र में उन्होंने जैविक नियंत्रण के विशेष संदर्भ के साथ अदरक के प्रकंद सड़न के एकीकृत प्रबंधन पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कई शोध लेखों के अलावा उन्होंने 1974 में एकेडमिक प्रेस, लंदन द्वारा प्रकाशित डॉ. सी. एच. डिकिंसन की पुस्तक ‘बायोलॉजी ऑफ प्लांट लिटर’ में ‘डाइजेस्टेड लिटर के अपघटन’ पर एक अध्याय और डॉ. जे. सुगियामा की पुस्तक ‘प्लियोमॉर्फिक फंगी’ में ‘प्लियोमॉर्फी इन सोर्डारियल्स’ पर एक और अध्याय प्रकाशित किया है, जिसे दो प्रकाशकों, एल्सेवियर (एम्स्टर्डम) हॉलैंड और कोडांशा (टोक्यो) जापान द्वारा 1987 में एक साथ प्रकाशित किया गया था।
राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका योगदान
प्रो. बी.सी. लोढ़ा जैन विश्वभारती संस्थान (डीम्ड यूनिवर्सिटी) लाडनूं के कुलपति के रूप में वर्ष 1997 से 2001 तक रहे थे। इसके अलावा वे राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर के प्लांट पैथोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख भी रहे हैं। 1995 में भारत सरकार ने उनसे आयातित बीजों और बीज सामग्री के लिए संगरोध प्राधिकरण के रूप में कार्य करने का अनुरोध किया। वे ब्रिटिश माइकोलॉजिकल सोसाइटी, माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ जापान और इंटरनेशनल माइकोलॉजिकल एसोसिएशन (आईएमए), एमएसआई सहित कई अकादमिक सोसाइटियों सेे आजीवन रूप से जुड़े हुए हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय माइकोलॉजिकल एसोसिएशन (आईएमए) की कार्यकारी समिति, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ प्लांट पैथोलॉजी (आईएसपीपी) द्वारा प्लांट पैथोलॉजी शिक्षण और प्रशिक्षण पर पहली अंतर्राष्ट्रीय समिति के सदस्य, एशिया के लिए आईएमए समिति के सदस्य, माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं यूजीसी की ओर से रांची विश्वविद्यालय और वनस्थली विद्यापीठ के लिए विशेषज्ञों की विजिटिंग कमेटी के संयोजक, ब्रिटिश माइकोलॉजिकल सोसाइटी, माइकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ जापान और इंटरनेशनल माइकोलॉजिकल एसोसिएशन सहित कई अकादमिक सोसाइटियों से जुड़े हुए रहे हैं।
Latest from
- संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग में मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में भारतीय भाषा उत्सव पर कार्यक्रम आयोजित
- दुःसाहसी पर्वतारोही-बाइकर नीतू चौपड़ा ने छात्राओं को सिखाए आत्मरक्षा के गुर
- प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जनजातीय गौरव दिवस तथा जनजातीय गौरव वर्ष पर कार्यक्रम आयोजित
- अब शिक्षा क्षेत्र में डिजीटलाइज भविष्य के लिए हो सकेंगे विद्यार्थी तैयार
- अहिंसा एवं शांति विभाग में मनाया गया संविधान दिवस
- एनएसएस के शिविर में राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान एवं राज्य सरकार के आयुष विभाग के साथ हुआ एमओयू
- जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा विश्व दार्शनिक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- जैविभा विश्वविद्यालय में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित
- राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय जैन स्काॅलर कार्यशाला आयोजित
- 15वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुजरात के सूरत में आयोजित
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने सजाई आकर्षक रंगोलियां
- तीन दिवसीय ‘यह दिवाली, माय भारत वाली’ कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय एकता व दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया
- पुरखों व संस्कारों के प्रति आस्था होने पर ही व्यक्ति की सम्पूर्णता- ओंकार सिंह लखावत
- दीपावली पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी प्रतियोगिताओं में 28 छात्राओं ने हाथों पर सजाई नई-नई डिजाइनें
- एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय में सफाई अभियान चलाया
- जैन विश्व भारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्य डॉ.लिपि जैन को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
- संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम एकदिवसीय शिविर का आयोजन
- अनुपयोगी सामग्री के उपयोग से सजावटी व उपयोगी वस्तुओं का निर्माण
- आईपीएसएस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण मुद्दा छाया रहा
- केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री ने जैविभा संस्थान की प्राच्य विद्याओं व मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की
- छात्राध्यापिकओं ने गरबा महोत्सव आयोजित
- विश्व दृष्टि दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- अहिंसा एवं शांति विभाग के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण
- शिक्षा विभाग में नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं के स्वागत के लिए ‘सृजन 2024’ का आयोजन
- आगमों एवं प्राचीन अभिलेखों में मौजूद हैं भारतीय संस्कृति के समस्त मूल तत्व- डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा
- ‘उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक अनुकूलता’ विषय पर व्याख्यान
- विश्व शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- रक्तदाता स्वयंसेविकाओं व छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने लगाए पंछियों के लिए परिंडे, चुग्गा-पात्र व घोंसले
- लाडनूँ से 52 छात्राध्यापिकाओं के दल ने गुजरात व माउंट आबू का किया पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण
- प्राकृत भाषा और साहित्य के विकास में जैनाचार्यों और मनीषियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा- डाॅ. रविन्द्र कुमार खाण्डवाला
- राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर किया गया आयोजन
- महात्मा गांधी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन
- नैतिकता की उड़ान के लिए प्रेक्षाध्यान-जीवन विज्ञान की आवश्यकता- प्रो. त्रिपाठी
- योग एवं जीवन विज्ञान विभाग में नव आगंतुक विद्यार्थियों का स्वागत समारोह आयोजित
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने किया श्रमदान
- जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने लाडनूं में मुनिश्री जयकुमार के दर्शन किए और आध्यात्मिक चर्चा की
- ‘क्रोध नियंत्रण एवं संयमित आचरण’ के लिए विद्यार्थियों को किया प्रेरित'
- खानपुर में भियाणी में निकाली गई स्वच्छता जागरूकता रैली
- लाडनूँ की छात्राओं ने लिया भारतीय युवा संसद में हिस्सा,
- ‘स्वच्छता ही सेवा’ के तहत छात्राध्यापिकाओं द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स