साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किया डिजीटल एरेस्ट के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक
लाडनूँ, 2 जनवरी 2025। जैन विश्वभारती के शिक्षा विभाग में विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार साइबर सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाकर ‘डिजीटल अरेस्ट’ के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में कार्यक्रम के संयोजक डॉ. गिरधारी लाल शर्मा ने डिजिटल अरेस्ट पर अपने विचारों में बताया कि वर्तमान में तेजी से फैलता हुआ नया साइबर स्कैम ‘डिजीटल एरेस्ट’ है। डिजिटल अरेस्ट में अपराधी फर्जी सरकारी अधिकारी पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई अधिकारी आदि बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को डरा-धमकाकर उनसे बड़ी रकम की वसूली करते हैं। डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने के लिए सतर्कता की जरूरत है। अगर किसी अनजान नंबर से कोई फोन या वॉट्सएप कॉल आए तो याद रखना चाहिए कि कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। क्राइम करने पर असली गिरफ्तारी की जाती है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ‘सीईआरटी-एन’ ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। सीईआरटी ने बताया डिजिटल अरेस्ट से बचने हेतु किसी भी वॉट्सएप या स्काइप कॉल्स के प्रति सतर्कता बरतें, साइबर ठगों द्वारा किये जाने वाले फोन कॉल, ई-मेल से संदेशों को इग्नोर करें, साइबर ठग कॉल पर बातचीत के दौरान गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी दें, तो घबराएं नहीं और जल्दबाजी भी नहीं दिखाएं। साथ ही अपनी बैंक डिटेल व यूपीआई आईडी शेयर नहीं करें। कॉल के स्क्रीनशॉट या वीडियो रिकॉर्डिंग सेव करें, ताकि आवश्यक होने पर उसका उपयोग किया जा सके तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या वेबसाइट ‘साइबरक्राइम डाॅट गोव डाॅट इन’ बलइमतबतपउमण्हवअण्पद पर रिपोर्ट करें।
अनजान वीडियो काॅल और लिंक के प्रति सतर्क रहें
कार्यक्रम के अध्यक्ष विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने यू.जी.सी. द्वारा जारी की गई हेंड बुक ‘बेसिक्स ऑफ साइबर हाईजीन’ विद्यार्थियों को शेयर करते हुए कहा कि किसी भी साइबर अपराध से बचने का एक ही तरीका है, जागरूक रहना। आज प्रत्येक व्यक्ति के पास मोबाइल है, अगर सतर्कतापूर्वक इसका इस्तेमाल करें तो इस प्रकार के अपराधों से बचा जा सकता है। हमें प्रयास करना चाहिए कि किसी अनजान वीडियो कॉल को न उठायें, किसी भी लिंक को बिना सोचे-समझे नहीं खोलें तथा ठगों द्वारा दिए जाने वाले लालच से बचें, ताकि इस प्रकार के अपराधों से सुरक्षित रह सकें। कार्यक्रम में में डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. अमिता जैन, डॉ. गिरिराज भोजक, देवीलाल कुमावत, स्नेहा शर्मा आदि समस्त शिक्षा संकाय सदस्य एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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