कौशल कार्यशाला में एआई की महता, उपयोग और जागरूकता का दिया प्रशिक्षण

लाडनूँ, 12 मार्च 2025। जैन विश्वभारती संस्थान में चल रही कौशल कार्यशाला एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मस्तिष्क) के उपयोग बारे में प्रकाश डाला गया। शिक्षा विभाग की सहायक आचार्य स्नेहा शर्मा ने छात्राओं को बताया कि आज के समय में छात्र-छात्राओं के लिए एआई विज्ञान को अपनाना बहुत आवश्यक है। देश-विदेश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि और अन्य क्षेत्रों में कृत्रिम मस्तिष्क का उपयोग किया जा सकता हैं। स्नेहा शर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उससे संबंधित आवश्यक उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि एआई टूल्स का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को इस विषय के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे जान सकें कि इस विज्ञान का उपयोग कैसे और कहाँ-कहाँ किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एआई का उपयोग शोध, लेखनी और व्याकरण संबंधी अशुद्धियों को सुधारने में किया जा सकता है। इसके अलावा एआई का उपयोग लर्निंग प्लेटफॉर्म, शिक्षक प्रशिक्षण और कोडिंग व प्रोग्रामिंग में भी किया जा सकता है। महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम के दौरान, छात्राओं को एआई के उपयोग के माध्यम से अपनी सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करने वाले अन्य उपकरणों के बारे में सुझाव दिए। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को एआई के उपयोग के बारे में जागरूक करना और उन्हें अपने भविष्य के लिए तैयार करना था। स्नेहा शर्मा ने बताया कि सशक्तिकरण समाज में एक महत्वपूर्ण बिंदु है, खासकर जब इसका उपयोग विज्ञान और ज्ञान के आधार पर स्त्री के विकास के लिए किया जाता है। कार्यक्रम में विभाग के सभी सहायक आचार्य, आचार्य और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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