जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अल्पकालीन अंग्रेजी सम्भाषण कोर्स का समापन

जीवन में आवश्यक बन गई है अंग्रेजी सम्भाषण कला- शर्मा

लाडनूँ, 4 अप्रेल 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में कौशल विकास के लिये संचालित अल्पकालीन कोर्सेज के अन्तर्गत इंग्लिश स्पोकन कोर्स का समापन गुरूवार को किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये समन्वयक विजयकुमार शर्मा ने कहा कि अंग्रेजी भाषा की जानकारी आज वैश्विक जरूरत बन चुकी है। अंग्रेजी सम्भाषण कला सीखने के बाद व्यक्ति विश्व में कहीं भी जाये तो उसे भाषा की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विविध अल्पकालीन पाठ्यक्रमों की जानकारी दी और ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान उनमें प्रवेश लेकर कौशल सीखने के लिये प्रेरित किया। प्रशिक्षक डाॅ. सोमवीर सांगवान ने बेहिचक अंग्रेजी बोलने के लिये प्रेरित किया और कहा कि अंग्रेजी आज देश-विदेश में सम्प्रेषण की भाषा बन चुकी है। डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने अंग्रेजी सीखने की आवश्यकता को प्रतिपादित किया। डाॅ. विकास शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी को हुनर सीखने की आवश्यकता बताई तथा कहा कि प्रत्येेक सीखी हुई विद्या जीवन भर काम आती है। डाॅ. जगदीश यायावर व अजयपाल सिंह भाटी ने भी अंग्रेजी को अपने रोजमर्रा काम में लेकर इसमें पारंगत बनने की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर प्रशिक्षु भूमिका सोनी, लीला मंडा, वेदिका स्वामी, विकास ढाका, धीरज स्वामी, महेन्द्र जांगिड़ आदि ने अपने कक्षा में सीखे हुये ज्ञान के बारे में अनुभव साझा किये तथा अंग्रेजी में वक्तव्य देते हुये बताया कि यहां वे बहुत ही आसानी से अंग्रेजी बोलना सीख पाये। इस अवसर पर सभी प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किय गये।

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