‘हम सभी के लिए मानव अधिकार’ थीम पर कार्यक्रम आयोजित

बेहतर जीवन जीने के लिए आवश्यक स्थितियां सुरक्षित करना ही है मानवाधिकारों का उद्देश्य- प्रो. त्रिपाठी,

लाडनूँ, 12 दिसम्बर 2024। ‘लोगों में समानता एवं स्वतंत्रता के लिए जागरूकता होनी आवश्यक है। मानवाधिकारों का पालन करने से ही यह संभव हो सकता है।’ यह बात जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मानवाधिकारों का मुख्य उद्देश्य मौलिक सार्वजनिक एवं नैतिक मापदंडों की सामग्री आकार एवं आधार निर्धारित करना बताया और कहा कि इनसे व्यक्तियों के अच्छे जीवन जीने के लिए आवश्यक स्थितियां सुरक्षित हो सकेगी। उन्होंने वर्ष 2024 के लिए मानवाधिकारी की थीम ‘हम सभी के लिए मानव अधिकार’ का विश्लेषण करते हुए बताया कि इसका मकसद है कि हर शख्स को समान एवं बुनियादी अधिकार मिले, चाहे वह शख्स किसी भी जाति, रंग, लिंग, वर्ण, एवं धर्म का हो। इसी से लोगों में समानता एवं स्वतंत्रता के लिए जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने छात्राओं के बीच मानव अधिकारों के उद्देश्यों की चर्चा भी की। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के उपलक्ष में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. त्रिपाठी ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाने की आवश्यकता प्रत्येक देश के लिए बनी हुई है। उन्होंने भारत में मानव अधिकार आयोग की भूमिका को व्याख्यायित करते हुए बताया कि एनएचआरसी मानव अधिकार के क्षेत्र में समय-समय पर अनुसंधान का कार्य भी करता है, साथ ही यह आयोग हेतु अनेक प्रकाशनों, मीडिया, सेमिनारों एवं अन्य माध्यमों से समाज में विभिन्न वर्गों के बीच मानव अधिकारों से जुड़ी जानकारी का प्रचार करता है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्राप्त उपायों के प्रति जागरूक हो सकें। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी व्याख्याता अभिषेक चारण ने किया। कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. रेखा तिवाड़ी, डॉ. प्रगति भटनागर, प्रेयस सोनी, मधुकर दाधीच, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

मानवाधिकार मानव जीवन के मौलिक आधार

जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग में मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सहायक आचार्य डॉ. लिपि जैन ने मानवाधिकारों की अवधारणा को विश्लेषित किया और मानवाधिकार एवं सामान्य अधिकारों के अंतर को समझाया। विभागाध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह ने भारतीय संदर्भ में मानवाधिकारों को स्पष्ट करते हुए बताया कि मानवाधिकार संविधान एवं संविधानेत्तर रूप में भी हमारी संस्कृति एवं व्यवस्था में समाहित हैं। सहायक आचार्य डॉ. रविंद्र सिंह राठौड़ ने अंत में आभार ज्ञापित करते हुए गांधीवाद एवं वैश्विक परिदृश्य में मानवाधिकार संबंधी प्रावधानों को स्पष्ट किया। कार्यक्रम का संचालन छात्र नरेंद्र सिंह राठौड़ ने किया।

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