अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन
लाडनूँ के बालसमंद गांव में महिलाओं को पुरूषों की बराबरी में लाने व रूढिवादी सोच त्यागने का आह्वान
लाडनूँ, 8 मार्च 2018। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में तहसील के ग्राम बालसमंद में कार्यक्रम आयोजित किया जाकर महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण के लिये महिलाओं में चेतना जाग्रत की गई। समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में विभाग के प्रो. आरके यादव ने घूंघट प्रथा से लेकर वर्तमान स्थिति तक के महिलाओं के सशक्तिकरण को रेखांकित किया तथा बताया कि आज महिलायें हर क्षेत्र में पुरूषों की बराबरी ही नहीं बल्कि पुरूषों से आगे बढने की स्थिति में पहुंच गई है। उन्होंने रूढिवादी सोच को त्यागने की जरूरत बताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डाॅ. बलवीर सिंह बालसमंद ने महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुये कहा कि महिलायें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने लगी हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रूपाराम ने कार्यक्रम के आयोजन की सराहना करते हुये कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से समाज में महिलाओं के प्रति भावनाओं में बदलाव आयेगा तथा उन्हें आगे बढने का अवसर मिलेगा। समाज कार्य विभाग की डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने प्रारम्भ में स्वागत करते हुये महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला तथा कार्यक्रम के आयोजन की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में विभाग के विद्यार्थियों विनय शर्मा, सुमित शर्मा, युवराज सिंह, हिमांशु, नरेन्द्र व गरिमा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अंत में छात्रा प्रीति राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के आयोजन में समाज कार्य विभाग के विद्यार्थियों ने अपनी सक्रिय भमिका निभाई।
विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये डाॅ. मनीष भटनागर ने कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं ने सदैव सक्रिय भूमिका निभाई है तथा उन्होंने ज्ञान, विज्ञान एवं सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। उन्होंने ऐसी महिलाओं से प्रेरणा लेने की जरूरत बताई। डाॅ. गिरीराज भोजक ने शिक्षा के प्रसार को महिला विकास के लिये जरूरी बताया तथा कहा कि नवाचारों के माध्यम से महिला उत्थान किया जाना संभव है। डाॅ. सरोज राॅय ने छात्राओं से अपनी प्रतिभा को निखारने की जरूरत बताई तथा कहा कि संघर्ष से कभी भी घबराना नहीं चाहिये। कार्यक्रम में पार्वती, सुमित्रा, संतोष, सोनू, प्रियंका, मनसुखी, आयुषी, चन्द्रवती, चेतना आदि ने महिला शिक्षा, लैंगिक समानता, महिला विकास आदि पर अपनी कविता, भाषण एवं दृष्टांतों के माध्यम से विचार प्रकट किये। विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने अंत में आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डाॅ. बी. प्रधान, डाॅ. विषणु कुमार, डाॅ. गिरधारी लाल शर्मा, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. ममता सोनी, देवीलाल कुमावत, मुकुल सारस्वत एवं छात्राध्यापिकायें उपस्थित रही।
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