पर्युषण पर्व सप्ताह में दूसरे दिवस ‘स्वाध्याय दिवस’ मनाया

मोबाईल के अनावश्यक उपयोग के बजाय स्वाध्याय अपनाएं- मुनिश्री मुदितकुमार

लाडनूँ, 03 सितम्बर 2024। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में मनाए जा रहे पर्यूषण पर्व के अन्तर्गत द्वितीय दिवस आयोजित ‘स्वाध्याय दिवस’ में मुख्य वक्ता मुनिश्री मुदित कुमार ने जैन परंपरा में स्वाध्याय की विशिष्टता को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि महावीर स्वामी से लेकर महात्मा बुद्ध तक ने अपने-अपने मतानुसार स्वाध्याय को पांच रूपों में विश्लेषित किया है, जिसमें वाचना, पृच्छना, परिवर्तना, अनुप्रेक्षा एवं धर्मकथा हैं ! कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने स्वागत वक्तव्य एवं विषय प्रवर्तन प्रस्तुत किया। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रगति भटनागर ने धन्यवाद व्यापित किया।

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