जनजातीय गौरव दिवस तथा जनजातीय गौरव वर्ष पर कार्यक्रम आयोजित

लाडनूँ, 26 नवम्बर 2024। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने बिरसा मुंडा को जनजातीय प्रेरणा के स्रोत और मार्गदर्शक व्यक्तित्व का धनी बताया तथा कहा कि बिरसा मुंडा ने जनजातीय संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करने का निरंतर प्रयास किया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया। स्वतंत्रतासेनानी के रूप में जनजातीय लोगों में उनका नाम आदर व सम्मान के साथ याद किया जाता है। बिरसा मुंडा ने सामाजिक व सांस्कृतिक शोषण के विरुद्ध भी संघर्ष किया और शोषण को दूर करने के लिए शिक्षा को श्रेष्ठ माध्यमबताया था। जनजातीय लोग इस महामना को भगवान की तरह से पूजा करते हुए उनकी जयंती मनाते हैं। भारत सरकार ने बिरसा मुंडा के प्रगतिशील विचारों और जनजातियों के विकास व उत्थान के लिए किए गए कार्यों के कारण सभी संस्थाओं में उनकी जयंती को राष्ट्रीय जनजातिीय गौरव दिवस और जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी सदस्य व छात्राध्यापिकाएं उपस्थित रहीं। अंत में कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. ममता पारीक धन्यवाद ज्ञापित किया।

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