विश्वविद्यालय में यूथ फेस्टिवल एवं कॅरियर फेयर का आयोजन
जीवन में सिद्धान्तों के साथ समझौता ना करें - कुलपति प्रो. बी.एल. शर्मा
लाडनूँ, 13 जनवरी, 2018। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं कॅरियर काउन्सलिंग सेल द्वारा शनिवार को एकदिवसीययुवा महोत्सव एवं कॅरियर फेयर का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, सीकर के कुलपति प्रो. बी.एल. शर्मा रहे। प्रो. शर्मा के स्वागत एवं सम्मान की रश्म अदायगी आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी द्वारा पुष्प-गुच्छ, शाॅल एवं संस्थान का प्रतीक चिन्ह भेंट कर की गई, वहीं महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे जैन विश्वभारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ का सम्मान अहिसा एवं शांति विभाग के प्रो. अनिल धर द्वारा पुष्प-गुच्छ भेंट कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. शर्मा ने अपने वक्तव्य में स्वार्थ से ऊपर उठकर सभी को ईमानदारी के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी, क्योंकि उनका मानना है कि आजकल सर्वत्र जरा-जरा सी बातों पर सिद्धान्तों के साथ समझौते होते दिखाई देते हैं। ऐसे विकट हालातों में उन्होंने जैन विश्वभारती संस्थान की कार्यप्रक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां अहिंसा एवं शांति का पाठ्यक्रम स्वयं यहां के नैतिक चरित्र को उजागर करता हैै। कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में बोलते हुए प्रो. बी.आर. दूगड़ ने छात्राओं को स्वप्रेरणा से जीवन को संवारने की सीख दी, वहीं उद्देश्यपरक कर्म में संलग्न रहने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने आगे कहा कि महिलाएँ स्वयं की शक्ति को पहचानकर ही अपने जीवन के स्वर्णिम लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकती हैं।
कार्यक्रम का आगाज संस्थान के मंगल-संगान से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों के स्वागत में छात्रा ज्योति नागपुरिया एवं समूह द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। प्रो. अनिलधर द्वारा स्वागत वक्तव्य दिया गया, वहीं अतिथियों का परिचय अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने दिया। कार्यक्रम के उद्देश्य एवं स्वरूप को प्रो. त्रिपाठी ने साझा करते हुए कहा कि ‘बड़े सपनों को देखने के लिये दृढ़ विश्वास की आवश्यकता होती है, जिसके दम पर विद्यार्थी अभावों में सफलता तलाशने का उपक्रम कर अपना सर्वांगीण विकास कर सकते हैं। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म दर्शन की विभागाध्यक्षा प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा ने कहा कि ‘‘जीवन में सर्वाधिक महत्त्व लक्ष्य प्राप्ति को दिया जाना चाहिए एवं उसकी प्राप्ति हेतु सार्थक क्रियान्वयन भी आवश्यक है। लक्ष्यहीन जीवन व्यक्ति को व्यक्तित्वविहीन कर देता है।’’ कार्यक्रम के अन्त में आभार-ज्ञापन आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की सहायक आचार्या डाॅ. प्रगति भटनागर द्वारा किया गया एवं सभी आगन्तुक अतिथियों ने युवा महोत्सव एवं कॅरियर फेयर की समस्त स्टाॅलों का अवलोकन करते हुए छात्राओं की मेहनत को सराहा। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के हिन्दी व्याख्याता अभिषेक चारण द्वारा किया गया।
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