जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम का आयोजन

पर्वों के कारण तनाव से मुक्ति मिलती है और उत्साह का संचार होता है- प्रो. जैन

लाडनूँ 1 सितम्बर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने पर्व मनाये जाने की अहमियत बताते हुये कार्यक्रम में कहा कि भारत में समय-समय पर जो विभिन्न पर्व मनाये जाते हैं, वे पर्व हमें खुशी, उत्साह व उमंग प्रदान करते हैं। इनसे हम तनाव, घुटन व संघर्ष से मुक्त होते हैं। इन पर्वों को मनाने से मन को बहुत शांति मिलती है, खुशी मिलती है और प्रेरणा मिलती है। ये पर्व जीवन की दिशा बदल देते हैं। कार्यक्रम संयोजक डाॅ. सरोज राय ने कृष्ण को सामाजिक नेता व जननायक बताते हुये कहा कि केवल मानव मात्र ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण सृष्टि के लिये उन्होंने उपकारी कार्य किये थे। उन्होंने कृष्ण को नियति के प्रति प्रतिबद्ध, समय के लिये प्रतिबद्ध, संगठन शक्ति कारक एवं कर्मयोगी बताया तथा कहा कि उनके उपदेशों को आत्मसात करके हमें भी धर्मयुद्ध के लिये तत्पर रहना चाहिये।

मोबाईल के कारण बचपन की अठखेलियां खो गई

डाॅ. गिरीराज भोजक ने कहा कि कृष्ण ने अधर्म पर धर्म की स्थापना के लिये शस्त्र उठाने से नहीं चूकने का संदेश दिया था। वे एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक दर्शन थे जिनके जीवन की हर घटना हमें प्रेरणा एवं संदेश देती है। उन्होंने कृष्ण की बाल्यावस्था व युवावस्था का वर्णन करते हुये उनमें घटित प्रमुख घटनाओं से मिलने वाले संदेश का उल्लेख किया तथा कहा कि उस समय जो बचपन होता था, वह आज खो चुका है। उस खेलते-कूदते बचपन को मोबाईल के चलन ने लील लिया है। कार्यक्रम में डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, नीतू जोशी, पूजा, मुग्धा आदि ने कृष्ण के जीवन पर आधारित भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का प्रारम्भ कृष्ण के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया तथा अंत में प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन छात्राध्यापिका मोनिका ने किया। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में भी जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि कृष्ण को लेकर विश्व भर में सबसे ज्यादा साहित्य की रचना की गई है। कृष्ण की लीलाओं के बहुत ही सारगर्भित अर्थ हैं, उन्हें हर व्यक्ति अपने ही नजरिये से देखता है। अभिषेक चारण ने कृष्ण के जीवन पर प्रकाश डाला। छात्राओं ने भी कृष्ण के बारे में अपने विचार व्यक्त किये।

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