जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

अहिंसा प्रशिक्षण सद्नागरिका का निर्माण करने में सहायक है- प्रो. धर

लाडनूँ 5 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग के अन्तर्गत मंगलवार को एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सुजानगढ के मदर्स इन्टरनेशनल स्कूल के लगभग 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शोध निदेशक प्रो. अनिल धर ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में ही अहिंसा का प्रशिक्षण उसे भविष्य का सद्नागरिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होता है। यहां दिये जाने वाले प्रशिक्षण में नैतिक मूल्य, भारतीय संस्कृति, अहिंसा और शांति जैसे विचार मानवाधिकार आदि विद्यार्थियों को बताए जाते हैं तथा उनमें अहिंसक प्रवृति के विकास के लिये अनेक प्रायोगिक अभ्यास करवाये जाते हैं, जो उनके जीवन के लिये लाभदायक सिद्ध होते हैं। शिविर में विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने कहा कि विभिन्न विद्यालयों के बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए समय-समय पर जैन विश्वभारती संस्थान ऐसे शिविरों का आयोजन करता है। मदर्स इन्टरनेशनल स्कूल के अध्यापक गजेन्द्र सिंह ने अपने विद्यालय का परिचय देते हुए कहा कि जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा आयोजित शिविर में भाग लेने पर अपने आपको गोरवान्वित महसूस किया। उन्होंने कहा कि इतने अल्प समय में छोटे से निवेदन पर इतनी अच्छी व्यवस्था करना अपने आप में अहम है। उन्होंने अहिंसा प्रशिक्षण को हर युवा के लिये आवश्यक बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने शिविर का परिचय दिया तथा संस्थान के अन्र्तगत संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में शिविरार्थियों को अहिंसा प्रशिक्षण के अभ्यास के विभिन्न आवश्यक प्रयोग डाॅ. विकास शर्मा ने करवाये तथा उन्होंने कार्यक्रम का संचालन भी किया।

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