अब नियमित शिक्षा के समान ही होगी दूरस्थ शिक्षा- प्रो. त्रिपाठी

सभी नियम, पाठ्यक्रम, प्रश्नपत्र, परीक्षा समय एक समान होंगे

लाडनूँ, 19 नवम्बर 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा है कि वे दिन अब बीत गये जब दूरस्थ शिक्षा और नियमित शिक्षा में अन्तर हुआ करते थे। पहले दूरस्थ शिक्षा के विद्यार्थियों को केवल पाठ्यसामग्री भेज कर अपने कत्र्तव्य कर इतिश्री समझ ली जाती थी, प्रश्नपत्र और परीक्षा के लिये पूरी स्वतंत्रता रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा है। दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो नई दिल्ली के नये रेगुलेशन के अनुसार जहां पर दोनों माध्यमों से अध्ययन करवाया जाता है, वहां प्रवेश से लेकर परीक्षा तक एक ही नियम लागू होंगे। पाठ्यक्रम, प्रश्नपत्र, परीक्षा-समय आदि सब एक समान रहेंगे। दूरस्थ शिक्षा के सभी अध्ययन केन्द्रों पर विद्यार्थी सहायता केन्द्र होंगे, जो नियमित रूप से विद्यार्थियों की सहायता करेंगे। उन्होंने यहां दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सदस्यों की एक बैठक में कहा कि जैन विश्वभारती संस्थान ने अपने विद्यार्थियों की अध्ययन सुविधा के लिये इन व्यवस्थाओं के साथ वेबसाईट पर वीडियो लेक्चर भी अपलोड कर रखे हैं, जिससे बड़ी संख्या में विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी को अब इन नये नियमों को ध्यान में रखते हुये दूरस्थ शिक्षा के विद्यार्थियों के हित में काम करना है। विद्यार्थियों को दी जाने वाली सेवा को उत्तम बनाये रखना सभी का क्रत्वय है। बैठक में पंकज भटनागर, डाॅ. जेपी सिंह, आयुषी शर्मा, प्रगति जैन, मयंक जैन, ओमप्रकाश, करण गुर्जर आदि उपस्थित थे।

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