जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में मासिक व्याख्यान माला का आयोजन

देश की गौरवमयी सनातन संस्कृति से प्रेरण लेकर भविष्य को उज्ज्वल बनायें

लाडनूँ, 29 नवम्बर 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में शुक्रवार को मासिक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस व्याख्यानमाला में सहायक आचार्य शेरसिंह राठौड़ ने ‘‘भारतीय संस्कृति का उज्ज्वल भविष्य’’ विषय पर व्याख्यान देते हुये बताया कि भारतीय संस्कृति मानव समाज की अमूल्य धरोहर है। भारत की सनातन संस्कृति को इस बात का श्रेय प्राप्त है कि उसने ना केवल भारतीय उप-महाद्वीप वरन् समूचे संसार में अपना गौरव का परचम फहराया है। निःसन्देह भारतीय संस्कृति का अतीत अत्यन्त उज्ज्वल रहा है, लेकिन हमारा भी कर्तव्य है कि हम अतीत से शिक्षा लेते हुए भविष्य को और भी अधिक उज्ज्वल एवं गौरवपूर्ण बनाएं। इस कत्र्तव्य की पूर्ति तभी सम्भव है जब हम अपनी इस अमूल्य संस्कृति के महत्व को समझकर इसका गहराई से अध्ययन करें। राठौड़ ने सैयद इकबाल की पंक्तियां दोहराते हुए भारतीय संस्कृति को सभी संस्कृतियों से बेहतर बताया- ‘‘यूनान, मिश्र, रोमन सब मिट गये जहां से, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहां हमारा, सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्ता हमारा। अध्यक्षता करते हुये प्रो. त्रिपाठी ने व्याख्यान को सार्थक एवं सही दिशा के लिये प्रेरक बताया। उन्होंने सांस्कृतिक सद्भावना को सर्वोपरि रखने के लिये सभी संकाय सदस्यों को नसीहत दी। अंत में श्वेता खटेड़ ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डाॅ. प्रगति भटनागर, कमल कुमार मोदी, डाॅ. बलबीर सिंह, अभिषेक चारण, अभिषेक शर्मा, अजयपाल सिंह भाटी, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सोमवीर सांगवान द्वारा किया गया।

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