तत्वावधान में तेरापंथ धर्मसंघ के मुनि सुखलाल स्वामी की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
अहिंसा व संयम की साधना ही धर्म है- मुनि देवेन्द्र कुमार
लाडनूँ, 23 दिसम्बर 2019। जैन विश्वभारती संस्थान के तत्वावधान में तेरापंथ धर्मसंघ के मुनि सुखलाल स्वामी ‘‘शासनश्री’’ के देवलोकगमन होने पर उनकी स्मृति में यहां भिक्षु विहार में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा को सन्निधि प्रदान करते हुये मुनिश्री देवेन्द्र कुमार ने कहा कि अहिंसा व संयम की साधना ही धर्म है और धर्म से बढ कर संसार में कोई शरण नहीं होती है। जन्म व मरण संसार का नियम है, इसमें अपने संयम पर रहना ही महतवपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि मुनि सुखलाल गुरूनिष्ठ, संघनिष्ठ व शासन निष्ठ थे। उन्हें गुरूदेव तुलसी ने अणुव्रत प्राध्यापक की पदवी से सम्मानित किया था। उन्होंने आचार्यश्री तुलसी के साथ लम्बी पदयात्रायें की और कभी भी सुविधाओं पर गौर नहीं किया। उनका सम्पूर्ण जीवन संघ सेवा, समाज सेवा और साहित्य सेवा के प्रति समर्पित था। उनका पार्थिव शरीर अब नहीं रहा, लेकिन उनका यश शरीर उनकी रचनाओं में देखा जा सकता है। मुनिश्री जयकुमार ने दिवंगत मुनि सुखलाल को आत्मार्थी व आध्यात्मिक बताया और कहा कि उन्होंने अणुव्रत के लिये अपने जीवन में बहुत काम किया। वे अणव्रत के स्वप्न देखते थे और उन्हें पूरा भी करते थे। तन्मय मुनि ने कहा कि मुनि सुखलाल तीन आचार्यों के साथ रहे और उनपर भी अपना प्रभाव छोड़ा था। वे बहुत उदार प्रवृति के थे। उन्होंने अणुव्रत के लिये बहुत कार्य किया था। जैन विश्वभारती संस्थान के दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि अणुव्रत आंदोलन ही मुनि सुखलाल का चिंतन बन गया था। वे हजारों कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते थे। अणुव्रत का प्रचार-प्रसार उन्होंने गांव-गांव पहुंच कर किया। वे पूरे देश को अणुव्रत में बांधना चाहते थे। उनकी लिखी हुई पुस्तक ‘‘अणुव्रत की गहराई में’’ महत्वपूर्ण है। वे अच्छे साहित्यकार थे। उन्होंने 75 पुस्तकों का लेखन किया था। उन्होंने ‘‘आरोहण’’ महाकाव्य भी लिखा था। जैन विश्व भारती के अशोक चिंडालिया ने कहा कि मुनि सुखलाल कार्यकर्ताओं से घनिष्ठ सम्पर्क रखते थे। तेरापंथ सभा के राजेन्द्र खटेड़ ने मुनि सुखलाल के अंतिम क्षणों में साथ रहे संस्मरण बताये तथा कहा कि उन्होंने अपने 75 सालों में 75 कृतियों की रचना की थी, जिनमें से कुछ अप्रकाशित रही हैं। उनकी आखिरी कृति ‘‘सफर सांसों का’’ थी। उन्होंने कहा था कि उनके जीवन का कोई काम शेष नहीं रहा। शांतिलाल बैद ने कहा कि उनका जीवन सबके लिये प्रेरणादायी रहेगा। एकमिनट के ध्यान के साथ सभा सम्पन्न की गई।
Latest from
- कषाय-विजय एवं तनाव-मुक्ति के सूत्रों को अक्षुण्ण भंडार है प्राकृत साहित्य- डॉ. शोभना शाह
- विश्व योग दिवस पर विश्वविद्यालय कार्मिकों ने किया सामुहिक योगाभ्यास
- अपरिग्रह के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण पर व्याख्यान का आयोजन
- विश्व साईकिल दिवस पर साइकिल रैली का आयोजन
- तम्बाकू निषेध की शपथ ली और पोस्टर बनाए
- प्राच्यविद्याओं में महत्वपूर्ण है संगीत विद्या- प्रो. जयकुमार उपाध्ये
- खो-खो प्रतियोगिता की विजेता छात्राओं को प्रमाण पत्रों का वितरण
- राष्ट्रीय मूल्यांकन समिति ने बनाया प्रो. दूगड़ को नैक पीयर टीम का चौयरमेन
- महात्मा बुद्ध जयंती पर बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन।
- एनएसएस की छात्राओं ने किया सूक्ष्म व्यायाम
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- ‘आधुनिक युग में श्रावकाचार’ पर व्याख्यान प्रस्तुत
- केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का कुलाधिपति बनने पर समारोह पूर्वक सम्मान
- नौ दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन
- साइबर सुरक्षा सम्बंधी कहानी लेखन प्रतियोगिता में खुशी प्रथम रही
- आचार्य तुलसी श्रुत संवर्द्धिनी व्याख्यानमाला आयोजित
- भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत एकल गायन प्रतियोगिता में राधिका प्रथम रही
- कुलपतित्व काल के छह वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का आयोजन
- रोजगार परामर्श केंद्र में प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ व्याख्यान का आयोजन
- आचार्य महाप्रज्ञ के 13वें महाप्रयाण दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन
- पृथ्वी दिवस पर एनसीसी कैडेट्स छात्राओं ने रैली निकाल कर दिया जागरूकता का संदेश
- नैचुरोपैथी व योग चिकित्सा के उत्थान में जरूरी है आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों एवं विधियों का सहयोग- प्रो. दूगड़
- ‘बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियों की सम्भावनाएं’ पर कार्यशाला आयोजित
- हनुमान प्राकट्योत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन
- डॉ. अम्बेडकर जयन्ती पर कार्यक्रम का आयोजन
- संस्थान में महावीर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘राष्ट्रीय नयी शिक्षा नीति-2020 तथा शिक्षक व शिक्षा की दशा एवम् दिशा’ विषय पर मासिक व्याख्यानमाला का आयोजन
- रामनवमी पर्व पर राम को सब धर्मों के लिए अनुकरणीय बताया
- ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य’ थीम पर मनाया विश्व स्वास्थ दिवस
- कुलपति का चैन्नई में तेरापंथ समाज ने किया सम्मान
- बढती जा रही है राज्य में लाडनूँ के शिक्षित योग प्रशिक्षकों की मांग
- साईबर सुरक्षा को लेकर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
- ‘नवीनतम कर व्यवस्था का महत्वपूर्ण विश्लेषण’ पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान का 32वां स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- संस्थान में शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन
- खेलकूद गतिविधियों का आयोजन
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के अन्तर्गत ‘अनुपयोगी सामग्री का उपयोग’ प्रतियोगिता का आयोजन
- संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का एक दिवसीय शिविर आयोजित
- देश भर से आए प्रेक्षाध्यान शिविरार्थियों ने की दूरस्थ शिक्षा निदेशक से भेंट
- अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- संस्थान का दिल्ली के पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त उदय सहाय आईपीएस ने दौरा किया।
- अभिलाषा राज्यस्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में तृतीय रही
- आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अन्तर्गत मातृभाषा एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
- ’प्राकृत भाषा का स्वरूप एवं उसके विविध आयाम’ विषय पर व्याख्यान
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के तहत सामूहिक लोकनृत्य प्रतियोगिता का आयोजन
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयेाग के अध्यक्ष ने किया जैन विश्वभारती संस्थान का अवलोकन
- शिक्षा विभाग में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन
- तृतीय राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव में जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) दो छात्राओं का चयन