जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में कोरोना बचाव के लिये व्यापक तैयारियां, कुलपति ने बैठक लेकर दिये निर्देश

बायोमीट्रिक उपस्थिति बंद की, पूरे कैम्पस में सेनीटाईजेशन प्रकिया शुरू

लाडनूँ, 13 मार्च 2020। विश्व भर में महामारी घोषित हुये कोरोना का कहर दिन-प्रतिदिन बढता ही जा रहा है, इसे देखते हुये यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में विशेष प्रतिरोधात्मक उपाय किये जा रहे हैं। यहां कार्मिकों वगैरह की प्रतिदिन अंगूठा लगवाकर ली जाने वाली बायोमीट्रिक उपस्थिति आगामी आदेश तक बंद कर दी गई है और मैनुयल उपस्थिति ली जाने की व्यवस्था की गई है, वहीं शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन की देखरेख में सम्पूर्ण परिसर में रोजमर्रा कर्मचारियों, विद्याथियों आदि के जहां-जहां हाथों का स्पर्श होता है, वहां सभी स्थानों पर 1 प्रतिशत हाइपो-क्लोगीट केमिकल से स्टेरलाईज करके शुद्ध किया जाने का कार्य भी किया जा रहा है। इनमें समस्त दरवाजे, घुडियां, स्विच, डेस्कटॉप कम्पूयटर, की-बोर्ड, माउस, टेबल्स, ग्रिल, हेंड-रैलिंग आदि को मोपिंग किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव रमेश कुमार मेहता ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गत 5 मार्च को नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के सम्प्र्रेषण से बचाव व कम करने के लिये आवश्यक कदम उठाने के लिये निर्देश जारी किये थे। इसके लिये एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें समस्त प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी, समस्त शैक्षणिक विभागों के एचओडी, आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक, पुस्तकालय प्रभारी, होस्टल की वार्डन आदि को शामिल किया गया है। इन सभी की एक बैठक कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने लेकर सभी विद्यार्थियों, पुस्तकालय, विभागों, छात्रावासों आदि में स्वच्छता एवं शुद्धि तथा वायरस से बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं सम्पूर्ण कार्यालय में इनके सघन उपाय किये जाने के निर्देश दिये हैं। गौरतलब है कि यूजीसी ने कैम्पस में किसी भी तरह की भीड़ एकत्र करने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जाने, पिछले 28 दिनों में किसी प्रकार का यात्रा-रिकॉर्ड में कोरोना प्रभाव के लिये व्यक्ति को 14 दिन घर में देखरेख में रखे जाने, किसी भी विद्यार्थी में बुखार, खांसी, सांस में परेशानी आदि के प्रति संकाय सदस्य सतर्कता बरतें तथा उसे कैम्पस में आने से रोकें व चिकित्सकीय परीक्षण करवाया जावे, संकाय सदस्यों व विद्यार्थियों आदि में साबुन व पानी से हाथ धोने, सेनिटाईजर से हाथ स्वच्छ बनाने, हाथों को आंख-नाक-मुह को नहीं छूने आदि के निर्देश दिये हैं।

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