जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही आंतरिक व्याख्यानमाला में ‘भारतीय संघवाद के बदलते प्रतिमान’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन

प्रधानमंत्री के व्यक्त्त्वि से प्रभावित होता है संघवाद- डाॅ. चारण

लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही आंतरिक व्याख्यानमाला में डाॅ. बलवीरसिंह चारण ने ‘भारतीय संघवाद के बदलते प्रतिमान’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस व्याख्यान में डाॅ. चारण ने आजादी के बाद से अलग-अलग समय एवं परिस्थितियों में देश के संघवाद में आये बदलावों को रेखांकित किया तथा उनके प्रभावों को स्पष्ट किया। उन्होंने एकात्मक संघवाद, सहयोगी संघवाद, दृढ एकात्मक संघवाद, सोदेबाजी के संघवाद आदि के बारे में जानकारी देते हुये दलीय स्थिति, प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व, राष्ट्र की परिस्थितियों, अन्तर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों के कारण संघवाद में आने वाले बदलावों के बारे में बताया। डाॅ. चारण ने बताया कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व से पूरी शासन व्यवस्था में परिवर्तन आया है और उसका क्रम जारी है। उन्होंने केन्द्र की संघीय एवं राज्यीय सताओं के अधिकारों-शक्तियों के वितरण, केन्द्र व राजय सरकारों की व्यावहारिता, केन्द्र व राज्य में एक ही दल की अथवा पृथक-पृथक दलों की सरकारें होने से परस्पर समन्वय की स्थितियों आदि का विस्तार से उल्लेख किया और भारत में संघवाद की सफलता व परिवर्तनों को चिह्नित किया। व्याख्यान के पश्चात प्रश्नोत्तरी में विभिन्न जिज्ञासाओं के जवाब देकर स्पष्ट किया। अंत में अभिषेक शर्मा ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में श्वेता खटेड़, डाॅ. प्रगति भटनागर, अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, विनोद सैनी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सोमवीर सांगवान ने किया।

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