’आचार्य महाप्रज्ञ का प्राकृत साहित्यः समाज को एक अनूठी देन’ पर व्याख्यान का आयोजन
आचार्य महाप्रज्ञ ने आर्ष प्राकृत व आर्ष व्याकरण को उजागर किया- प्रो. कल्पना जैन
लाडनूँ, 27 नवम्बर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के प्राकृत एवं संस्कृत विभाग के तत्वावधान में ‘भारत का गौरवः प्राकृत भाषा एवं साहित्य‘ विषयक मासिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत आयोजित पंचम व्याख्यान के रूप में श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्राकृत भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. कल्पना जैन ने शनिवार को ’आचार्य महाप्रज्ञ का प्राकृत साहित्यः समाज को एक अनूठी देन’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता प्रो. कल्पना जैन ने आचार्य महाप्रज्ञ को शब्दों का जादूगर बताया तथा कहा कि उन्होंने आगम साहित्य का भाषा और शब्दावली पर बहुत काम किया हुआ है। उन्होंने आगमों के सम्पादन का चुनौतीपूर्ण कार्य करके दिखाया। सम्पादन कार्य में आई विभिन्न समस्याओं, अक्षरों व शब्दों का समाधान भी उन्होंने प्रस्तुत किया। प्राकृत भाषा को लोकभाषा माना जाता है, क्योंकि लोकभाषा के बहुत से शब्द प्राकृत में समाहित हो गए, जिन्हें सूक्ष्म और पारखी सम्पादकीय दृष्टि से सामने लाए गए। उन्होंने वेदों की छंदस् भाषा का उल्लेख करते हुए प्राकृत को वैदिक भाषा के समकक्ष बताया तथा कहा कि जब श्रुति को लिखित वेदों का रूप दिया गया तो उनमें बोलचाल की भाषा के शब्दों का समावेश भी हो गया। आचार्यश्री महाप्रज्ञ ने अनुपलबध प्राकृत व्याकरण के नियमों की जानकारी दी। आगमों का व्याकरण प्राचीन नियमों में सम्बद्ध है। प्रो. जैन ने बताया कि आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ व सहयोगियों ने आगम के सम्पादन के महत्ती कार्य को पूर्ण किया। इसमें उन्होंने आर्ष व्याकरण और आर्ष प्राकृत के बारे में बताया।
प्राकृत व संस्कृत परस्पर सहयोगी भाषाएं
डॉ. समणी संगीत प्रज्ञा ने इस अवसर पर बताया कि आचार्य महाप्रज्ञ ने पहली बार प्राकृत भाषा में धाराप्रवाह व्याख्यान देकर सबको अचम्भित कर दिया था। व्याख्यान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. दामोदर शास्त्री ने कहा कि प्राकृत एक सहज भाषा है, प्रकृतिदत्त है और संस्कृत को बनाया गया है। संस्कृत में व्याकरण नियमों की बहुतायत कर दी गई है। आधुनिक संस्कृत पाणिनी के व्याकरण पर आधारित है। जिसे व्याकरण का पूरा ज्ञान है, वहीं संस्कृत बोल व लिख सकता है, जबकि प्राकृत को सहज ही बोला जा सकता है। यह सीधी व सरल भाषा है। उन्होंने कहा कि प्राकृत वाले के लिए संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है। दोनों भाषाओं का साथ जरूरी है। संस्कृत वालों को प्राकृत पढनी चाहिए और प्राकृत वालों का संस्कृत का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डा. सत्यनारायण भारद्वाज ने किया। कार्यक्रम में अरिहंत कुमार जैन, प्रो. जयपाल भिवानी, मनोज रॉय, प्रियंका गुप्ता, पीके शीशधरण, जयकुमार उपाध्याय, शिल्पा घोष, राजू दूगड़, सुमत कुमार जैन, मीनू स्वामी, सुलेख जैन, नीरज कुमार, जयंत शाह, ममता शर्मा, आयुषी शर्मा, पवित्रा जैन, प्रेमकुमार सुमन, रजनीश गोस्वामी आदि उपस्थित रहे।
Latest from
- कषाय-विजय एवं तनाव-मुक्ति के सूत्रों को अक्षुण्ण भंडार है प्राकृत साहित्य- डॉ. शोभना शाह
- विश्व योग दिवस पर विश्वविद्यालय कार्मिकों ने किया सामुहिक योगाभ्यास
- अपरिग्रह के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण पर व्याख्यान का आयोजन
- विश्व साईकिल दिवस पर साइकिल रैली का आयोजन
- तम्बाकू निषेध की शपथ ली और पोस्टर बनाए
- प्राच्यविद्याओं में महत्वपूर्ण है संगीत विद्या- प्रो. जयकुमार उपाध्ये
- खो-खो प्रतियोगिता की विजेता छात्राओं को प्रमाण पत्रों का वितरण
- राष्ट्रीय मूल्यांकन समिति ने बनाया प्रो. दूगड़ को नैक पीयर टीम का चौयरमेन
- महात्मा बुद्ध जयंती पर बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन।
- एनएसएस की छात्राओं ने किया सूक्ष्म व्यायाम
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- ‘आधुनिक युग में श्रावकाचार’ पर व्याख्यान प्रस्तुत
- केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का कुलाधिपति बनने पर समारोह पूर्वक सम्मान
- नौ दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन
- साइबर सुरक्षा सम्बंधी कहानी लेखन प्रतियोगिता में खुशी प्रथम रही
- आचार्य तुलसी श्रुत संवर्द्धिनी व्याख्यानमाला आयोजित
- भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत एकल गायन प्रतियोगिता में राधिका प्रथम रही
- कुलपतित्व काल के छह वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का आयोजन
- रोजगार परामर्श केंद्र में प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ व्याख्यान का आयोजन
- आचार्य महाप्रज्ञ के 13वें महाप्रयाण दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन
- पृथ्वी दिवस पर एनसीसी कैडेट्स छात्राओं ने रैली निकाल कर दिया जागरूकता का संदेश
- नैचुरोपैथी व योग चिकित्सा के उत्थान में जरूरी है आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों एवं विधियों का सहयोग- प्रो. दूगड़
- ‘बैंकिंग क्षेत्र में नौकरियों की सम्भावनाएं’ पर कार्यशाला आयोजित
- हनुमान प्राकट्योत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन
- डॉ. अम्बेडकर जयन्ती पर कार्यक्रम का आयोजन
- संस्थान में महावीर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- ‘राष्ट्रीय नयी शिक्षा नीति-2020 तथा शिक्षक व शिक्षा की दशा एवम् दिशा’ विषय पर मासिक व्याख्यानमाला का आयोजन
- रामनवमी पर्व पर राम को सब धर्मों के लिए अनुकरणीय बताया
- ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य’ थीम पर मनाया विश्व स्वास्थ दिवस
- कुलपति का चैन्नई में तेरापंथ समाज ने किया सम्मान
- बढती जा रही है राज्य में लाडनूँ के शिक्षित योग प्रशिक्षकों की मांग
- साईबर सुरक्षा को लेकर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
- ‘नवीनतम कर व्यवस्था का महत्वपूर्ण विश्लेषण’ पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान का 32वां स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- संस्थान में शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन
- खेलकूद गतिविधियों का आयोजन
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के अन्तर्गत ‘अनुपयोगी सामग्री का उपयोग’ प्रतियोगिता का आयोजन
- संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का एक दिवसीय शिविर आयोजित
- देश भर से आए प्रेक्षाध्यान शिविरार्थियों ने की दूरस्थ शिक्षा निदेशक से भेंट
- अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- संस्थान का दिल्ली के पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त उदय सहाय आईपीएस ने दौरा किया।
- अभिलाषा राज्यस्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में तृतीय रही
- आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अन्तर्गत मातृभाषा एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
- ’प्राकृत भाषा का स्वरूप एवं उसके विविध आयाम’ विषय पर व्याख्यान
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के तहत सामूहिक लोकनृत्य प्रतियोगिता का आयोजन
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयेाग के अध्यक्ष ने किया जैन विश्वभारती संस्थान का अवलोकन
- शिक्षा विभाग में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन
- तृतीय राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव में जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) दो छात्राओं का चयन