प्रशासनिक व शैक्षणिक क्षमताओं में वृद्धि के समबंध में निर्देश
स्किल बेस्ड पाठ्यक्रमों का निर्माण आवश्यक- कुलपति
लाडनूँ, 11 दिसम्बर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक एवं शैक्षणिक क्षमताओं में वृद्धि को लेकर आयोजित एक बैठक में कहा कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ए-ग्रेड प्रदान की गई है। परन्तु, हमें यहीं पर नहीं ठहर जाना है, बल्कि इससे भी आगे बढना है। विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों, शोध-कार्यों, स्किल बेस्ड कार्यक्रमों, अल्पकालीन अन्तर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों आदि के परिवर्तन हेतु वर्तमान व्यवस्था में आवश्यक बदलाव लाने जरूरी हैं। सामान्य पाठ्यक्रमों की शिक्षा के साथ स्किल आधारित अध्यापन कार्यक्रम को भी उन्होंने जरूरी बताया तथा कहा कि सभी विभागों को ऐसे कदम उठाने चाहिएं, जिसमें विद्यार्थियों को रोजागारोन्मुखी अध्ययन करने हेतु प्रेरणा मिल सके। उन्होंने बताया कि संस्थान का योग शिक्षा में विशेष महत्व है और यहां से योग प्रशिक्षित युवा देश-विदेश में प्रमुख संस्थानों या स्वतंत्र रूप से कार्य करके विशेष आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने योग एवं जीवन विज्ञान विभाग को निर्देश दिए कि वे आस पास के क्षेत्रों यथा लाडनूँ, सुजानगढ, छापर, बीदासर आदि के अस्पतालों में एक योग चैम्बर की स्थापना करें और वहां मरीजों को योग-थैरेपी की परामर्श सुविधाएं प्रदान करें। कुलपति ने विश्वविद्यालय के अन्तर्राष्ट्रीय सम्पर्क एवं मामलात सम्बंधी कार्यालय को भी अधिक कार्य के लिए निर्देश दिए तथा कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए भी अल्पकालीन पाठ्यक्रम बनाएं जाने चाहिएं, ताकि विदेशों से भी विद्यार्थी यहां आकर अध्ययन कर सकें। विदेशी सम्पर्कों में भी बढोतरी को उन्होंने आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप संस्थान के समस्त पाठ्यक्रमों को पुनर्रचित करना होगा। उन्होंने विभिन्न अल्पकालीन पाठ्यक्रमों के निर्माण पर भी जोर दिया। फेकल्टी डवलेपमेंट पर जोर देते हुए कुलपति ने कहा कि शैक्षणिक के साथ समस्त गैर-शैक्षणिक कार्मिकों को कम्प्यूटर आदि समस्त आधुनिक तकनीक में पारंगत होना आवश्यक है। इसके लिए संस्थान द्वारा विभिन्न प्रोग्राम संचालित किए जाते रहते हैं, उनका लाभ अब सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होगा, ताकि नवीन तकनीक से वे अपने स्वयं के विकास के साथ संस्थान को भी लाभान्वित कर सकें। कुलपति ने शैक्षणिक स्टाफ से शोध पर विशेष जोर देने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी शिक्षकों को अपने शोध आलेखों को तैयार करके उनका प्रकाशन यूजीसी मान्य व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाने चाहिए। इस बैठक में सभी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. नलिन के. शास्त्री ने किया।
Latest from
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स
- मेधावी छात्रा मीनाक्षी भंसाली को परीक्षा परिणाम के आधार पर राजस्थान सरकार से मिला टैबलेट
- शांति मानव कल्याण का आधार - श्री विक्की नागपाल
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं को दिलवाई स्वच्छता की शपथ
- स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत छात्राओं ने बनाई अनुपयोगी सामान से उपयोगी सामग्री
- स्वच्छता जागरूकता संबंधी रैली निकल गई
- जैन विश्व भारती संस्थान में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन
- महिला स्वतंत्रता सेनानी मणिबेन के जीवन व कार्यों को याद किया
- मान, सम्मान और गौरव की भाषा है हिन्दी- प्रो. जैन
- व्यक्तित्व विकास के लिए आत्मविश्वास व अनुशासन अधिक जरूरी- नाहटा
- क्षमा के आदान-प्रदान से बन सकता है कार्य-व्यवहार और जीवन शुद्ध- कुलपति प्रो. दूगड़
- छात्राओं ने टैलेंट को प्रस्तुत कर गीत, नृत्य, काॅमेडी से सबको किया प्रभावित
- गणेश चतुर्थी कार्यक्रम में भजन-वंदना, श्लोक, आरती, की प्रस्तुति
- पर्युषण पर्वाराधना कार्यक्रम के तहत ध्यान दिवस मनाया
- पर्युषण पर्व के छठे दिन ‘जप दिवस’ मनाया
- त्याग से जीवन में नियंत्रण और समता भाव बढते हैं- मुनिश्री कौशल कुमार
- शिक्षक सिखाते हैं जीवन को सफल बनाने की कला- प्रो. दूगड़
- दीक्षारंभ कार्यक्रम के चैथे दिन शिक्षक दिवस आयोजित
- दीक्षारंभ कार्यक्रम के तीसरे दिन व्यक्तित्व विकास पर व्याख्यान, योग का महत्व बताया
- वाणी संयम के साथ मितभाषिता भी सफल जीवन के लिए जरूरी- प्रो. त्रिपाठी
- जीवन में दृष्टिकोण परिवर्तन एवं ‘सकारात्मक’ बनने के तरीके बताए
- वास्तुदोष के प्रभाव एवं निराकरण के वैज्ञानिक उपाय पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय पर्युषण पर्व में ‘सामायिक दिवस’ मनाया
- पर्युषण पर्व सप्ताह में दूसरे दिवस ‘स्वाध्याय दिवस’ मनाया
- प्राकृत भाषा और साहित्य में निहित है भारतीय संस्कृति का मर्म- प्रो. अनेकान्त जैन
- योगासन स्वस्थ एवं फिट रहने का महत्वपूर्ण आधार
- फिट इंडिया शपथ कार्यक्रम का आयोजन
- जैन विश्व भारती संस्थान में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन
- दो छात्राओं का नेवी और सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्तियां
- एन.एस.एस. द्वारा बैडमिंटन खेल का आयोजन
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता रैली निकाली
- छात्राध्यापिकाओं ने जन्माष्टमी पर्व मनाया, नृत्य व भजनों से कृष्ण को रिझाया
- युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर: शांतिपूर्ण समाज का आधार
- राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
- संस्कृत दिवस व रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी और लहरिया महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- वैदिक परम्परा में निहित हैं जीव और प्राण कीे वैज्ञानिकता के सूत्र- डाॅ. साहू
- एंटी रैगिंग जागरूकता एवं नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित
- सात दिवसीय ‘रैगिग अपराध निषेध’ कार्यशाला का आयोजन
- जैविभा विश्वविद्यालय में 78वां स्वाधीनता दिवस धूमधाम से मनाया
- ‘हर घर तिरंगा’ रैली का आयोजन, लोगों को किया प्रेरित
- भारत विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर व्याख्यान आयोजित
- सात दिवसीय रैगिंग अपराध निषेध कार्यक्रम में तृतीय दिवस पीजी स्टुडेंट्स की कार्यशाला का आयोजन
- रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक
- सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में स्वामी, ठोलिया व बुरड़क तीनों प्रथम रही