अब शिक्षा क्षेत्र में डिजीटलाइज भविष्य के लिए हो सकेंगे विद्यार्थी तैयार
जैविभा विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों ने बनाई औनलाईन टीचिंग एवं लर्निंग के लिए डिवाइस
उपकरण की डिजाइन को मिला भारत सरकार का पेटेंट
लाडनूँ, 29 नवम्बर 2024। छात्रों को तेजी से डिजीटल दुनिया में भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स एवं प्राध्यापिका ने मिल कर ‘आॅनलाईन शिक्षण अधिगम के लिए शैक्षणिक उपकरण’ तैयार किया है, जिसका पेटेंट भारत सरकार द्वारा किया गया है। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने इस डिजाइन को मंजूरी देते हुए पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया है। यह डिवाइस प्रो. बीएल जैन, डा. अमिता जैन, प्रो. डा. रीटा शर्मा व डा. विनोद कुमार जैन के नाम से पंजीकृत-प्रमाणित की गई है। इसका प्रमाण पत्र महानियंत्रक पेटेंट, डिजाइन एंड ट्रेडमार्क ने जारी किया है। विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.बी.एल.जैन ने बताया कि इस ‘ऑनलाइन शिक्षण अधिगम के लिए शैक्षणिक उपकरण’ डिजाइन पेटेंट का प्रकाशन, नवीन शिक्षण रणनीतियों की प्रणाली को प्रभावी बनाने, कक्षा को एक आकर्षक, व्यक्तिगत और इंटरेक्टिव सीखने के माहौल में बदलने का कार्य करता है। यह उपकरण अनुकूली सीखने, गेमिफिकेशन, वर्चुअल सिमुलेशन और रीयल-टाइम, डेटा एनालिटिक्स को मिलाकर तैयार किया गया है और छात्र के विघटन की चुनौतियों का समाधान करने के साथ उनकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि निरंतर निगरानी, व्यक्तिगत हस्तक्षेप और सहयोगी उपकरणों के माध्यम से छात्रों को इस डिजिटल युग में सफलता के लिए तैयार करता है, जिससे सीखना अधिक गतिशील, समावेशी और प्रभावी हो जाता है। यह व्यक्तिगत सीखने के रास्ते खोलता है, यह निरंतर मूल्यांकन और ज्ञान अंतराल के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अनुमति देता है और लचीले सीखने की गति का समावेशन, सीखने का गेमीकरण अर्थात अंक, बैज, लीडरबोर्ड और चुनौतियों जैसे गेमीकरण तत्वों को प्रेरणा और जुड़ाव बढ़ाने के लिए सिस्टम में एकीकृत किया गया है, जिससे सीखने की प्रक्रिया अधिक मनोरंजक हो जाती है। प्रो. जैन ने बताया कि यह 3-डी मॉडल सहित इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया सामग्री का समर्थन करता है, जिससे छात्र जटिल अवधारणाओं को व्यावहारिक, अनुभवात्मक तरीके से समझ सकते हैं। स्वचालित ग्रेडिंग और फीडबैक तंत्र इसके अंतर्गत समाविष्ट है। यह एक इंटरैक्टिव शैक्षिक वातावरण तैयार करके सीखने के परिणामों को अनुकूलित करने में सक्षम है, जो छात्रों को तेजी से डिजिटल दुनिया में भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
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